मैं GST की असंगत टैक्स RATE का विरोध करता हूँ ।
आप ऐसे समझिए कि -
150/- मीटर का 1.20 कपड़ा 5% GST के साथ हुआ -
180 + 9 = 189/- का
अब
130/- सिलाई पर 18% GST के साथ होगा -
130 + 23.40 = 153.40/-
कुल खर्चा हुआ = 342.40/-
मुनाफा 10% = 34.60/-
बिक्री मूल्य - 377/-
बिक्री पर GST (5%) - 18.85/-
फाइनल बिक्री मूल्य - 395.85/-
अब हिसाब लगाओ कि माल बनाने पर GST चुकाया -
(23.40 + 9)= 32.40/-
और बिक्री पर GST वापस मिला - 18.85/-
तो EXTRA GST , हमारा पैसा जो सरकार के पास पड़ा है वो वापस हमारे खाते में जमा नहीं होगा , वो रुपया है -
32.40 - 18.85 = 13.55/-
यदि 100 PCS भी रोज के बेचें 1 साल का TOTAL amount of difference of non refundable GST is Rs. 494575/-
This is a big AMOUNT.
अब GST का फंडा ये है कि माल बनाने पर लगने वाला GST, बिक्री पर वापस मिलने वाले GST से ज्यादा है तो डिफरेंस आपके GST खाते में पड़ा रहेगा पर आपको वापस आपके बैंक खाते में सरकार जमा नहीं कराएगी।
यदि माल बनाने पर चुकाया GST बिक्री पर मिलने वाले GST से कम है तो जो डिफरेंस है वो और आपको सरकार में जमा कराना पड़ेगा।
कुल मिलाकर ऐसे ट्रेडर जो जॉब पर GARMENT बनवाते थे उनका प्रोडक्ट , MANUFACTURER से कम से कम 15 से 20 % महंगा पड़ेगा तो ट्रेडर कैसे माल बचेगा।
व्यापार में टिक ही नही पायेगा।
और जैसे तैसे मेहनत से बेच भी दिया तो जनता को बहुत भार पड़ने वाला है जबकि महंगाई से त्रस्त जनता के पास कमाई बढ़ाने की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं हो पा रही है।
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