BUDGET...BUDGET...BUDGET

Bhavin Pathak (Self-employed) (4772 Points)

28 February 2011  

BUDGET… BUDGET… BUDGET…

 

आम तौर पर BUDGET हर इंसान के लिए होता है, लेकिन अपने देश की बात थोड़ी अलग है मेरे दोस्त, यहाँ BUDGET आम आदमी के लिए नहीं होता| उसकि एक वजह यह भी है के अपने देश मैं BUDGET के दोरान आम अदमि को धयाम मै हि नहि रख जता| e.g. हमरे देश मै जो BUDGET आता है उसमे SLAB RATE मै सुधर होते है| लेकिन अहम बात तो ये है के आम अदमि उस SLAB RATE तक पहुनच है नहि पाता, कयोकि ` 1,90,000 की आवकवाले को आम अदमी की कक्षा मै दालना उसका अपमान करने के बराबर होत है| हमारे देश में तकरीबन ५०% दे ज्यादा लोग की मासिक आवक सिर्फ ` ७०००-९००० की होती है| उन के लिए SLAB RATE और BUDGET जैसा कुछ होता ही नहीं|

तो जो ऐसे लोग रहते है अपने देश में उनके लिए कौन सा BUDGET होता है मेरे दोस्त???? ये एक दु:खद सवाल है| मैं हर साल BUDGET में हम कुछ नया देखते है लेकिन कुछ भी नया उन लोगो को नहीं मिल पाता| ये हमारा देश है| उसमे यह हो रहा है, उसके मंत्री ऐसे है तोह अपने देश का कुछ भविष्य कहा होने वाला है|

ऊपर की चर्चा के बाद एक बात स्पष्ट है के यह BUDGET कतई आम आदमी के लिए नै होता| सरकार अपनी जेब भरने के लिए नए नए नए पेंतरे ढूंढ ही लेती है BUDGET उस पेंतरे का छोटा सा हिस्सा है| पिछले साल जो बड़े बड़े काले घोटाले हुए उसके बारे में थोड़े दिन तक हडकंप मच गई, बाद में वोह घोटालों को दबा दिया जाता है| यह है हमारा देश| जहा देश के सुरक्षा BUDGET से ज्यादा रूपये तोह घोटालों में चले जाते है| उस सरकार से क्या उमीद रखे आम आदमी???? यह एक बड़ा सवाल है|

हम जिस देश में रहते है, जिसकी राष्ट्रिय भाषा हिंदी है उस देश का BUDGET “ अंग्रेजीमें पेश होता है| जो BUDGET पेश कर रहा होता है उसको हिंदी भोलना ठीक से नहीं आता है| यह है हमारा देश| मेरे दिल में जो है मैंने वोही कहा, और कुछ भी गलत नै कहा ये में दावे के साथ कह सकता हूँ| हर इन्सान के अपने कुछ नजरिये होते है, यह अपने BUDGET के प्रति मेरा नजरिया है| सरकार आम आदमी के लिए BUDGET पेश करेगी उसी दिन से अपने देश का विकाश शरू होगा ये मेरा दावा है|

Regards, Bhavin Pathak