Ruk jana nahi tu kahi haar k

Others 1339 views 6 replies

रूक जाना नहीं तू कहीं हार के....


सर्कस में हाथी को रस्सी से बांधकर रखते हैं। यह ऐसी रस्सी होती है, जिसे हाथी आसानी से एक झटके में तोड़ सकता है। हाथी बलशाली होता है और जरा-सी ताकत लगाने पर वह रस्सी के छोटे से टुकडे को तोड़ सकता है, पर क्या कारण होता है कि हाथी एक छोटी-सी रस्सी को तोड़ नहीं पाता और बंधन मुक्त नहीं हो पाता।

दरअसल हाथी को बचपन से ही मोटी रस्सी से बांध कर रखा जाता है और उसे इस बात का एहसास करवाया जाता है कि मोटी रस्सी को वह तोड़ नहीं सकता।

उम्र बढ़ने के बाद भी हाथी के दिमाग में यही बात स्थायी रूप से बैठ जाती है कि अगर पैर में रस्सी है तब वह एक बंधन में है, जो टूट ही नहीं सकता। हाथी ताउम्र रस्सी को बंधन का पर्याय मान लेता है। ऐसा बंधन जो बस एक झटके में टूट सकता है। अगर असफलता की बात करें तब मनुष्य का स्वभाव रहता है कि वह असफलता को पैर में बंधी रस्सी की तरह मान लेता है। वह फिर से असफलता प्राप्त क्षेत्र में जाने से डरता है।


उसे असफलता से इतना डर लगने लगता है कि वह उसे बंधन मानने लगता है और प्रयत्न करने से भी डरने लगता है। और, इस डर का मनोविज्ञान इतना खतरनाक होता है कि व्यक्ति साधारण कार्य करने से भी डरने लगता है और बात उसके आत्मविश्वास में कमी से लेकर व्यक्तित्व में कमियों तक पहुंच जाती है।

हाथी कभी भी इस बंधन से मुक्त नहीं हो पाता, इस कारण हर दम रस्सी से बंधा रहता है, जबकि हम अपनी असफलता को भूलकर नई पहल करने में सक्षम हैं बावजूद इसके कई युवा साथी अपनी असफलता को लंबे समय तक साथ में लेकर चलते रहते हैं।

इस कारण वे कुछ नया नहीं सोच पाते, क्योंकि उन्हें हरदम यही बात सताती रहती है कि कहीं पुनः असफल न हो जाए। दरअसल असफलता को क्षणिक माना जाना चाहिए और इस बंधन से जितना जल्दी हो मुक्त हो जाना चाहिए।

असफलता से छूटकर अगर आप प्रयत्न का दामन थामेंगे तब निश्चित रूप से एक ताजी हवा के झोंके जैसा एहसास होगा और नई राह पर चलने के लिए नए प्रयत्न कर पाएंगे।

असफलता कोई अभिशाप तो नहीं, यह प्रयत्न करने का फल है और फल कड़वा भी हो सकता है, पर हर बार फल कड़वा ही होगा, यह मानकर आप फल खाना ही त्याग देंगे ? प्रयत्न करें और मेहनत के साथ प्रयत्न करें तब आप देखेंगे कि सफलता को आपके पास आना ही पड़ेगा।

Replies (6)

very good one!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!

Many of us will correlate themselves with the above mentioned weakness. well done dost good job.

Thanks for this.. especially for writing a post in hindi....  we rarely see any post in hindi .. don't know why..  even when we write in hindi to hum aise likhte hai and not in hindi font..

Very Nice Bro..............Keep sharing

Very nice. Keep Sharing

Really Good post . Inspiring !!


CCI Pro

Leave a Reply

Your are not logged in . Please login to post replies

Click here to Login / Register