. UPI सेवा मुफ्त में अभी भी उपलब्ध है ।
UPI सेवा मुफ्त में उपलब्ध हैं, लेकिन इसमें थोड़ा सा बदलाव किया गया हैं.
आपके लिए UPI एकदम मुफ्त है, अगर आप अपने bank account से किसी और के bank account में direct transfer कर रहे हैं.
आप अपने wallet (paytm, Phonepay, Googlepay) से किसी भी Individual के Wallet में मुफ्त में पैसा transfer कर सकते हैं.
अब सवाल है कि फिर यह 1.1% fees किस बात की हैं?
मान लीजिये आप एक दुकान पर जाते हैं... आपने 2000 रूपए तक का सामान खरीदा, और दुकानदार ने आपको अपने Paytm/Googlepay /Phonepay wallet में पैसा transfer करने को कहा.... तो आपको कोई भी extra fees नहीं देनी हैं.
अगर दुकानदार आपको अपने bank account में UPI के द्वारा पैसा डालने को कहता हैं... तो किसी भी तरह की fees नहीं लगेगी.
आप Phonepay /Paytm या googlepay खोलेंगे, तो पाएंगे कि उसमे भी UPI payment का option होता है.. आप वह इस्तेमाल करते हैं तो कोई चार्ज नहीं लगेगा.
अब मान लीजिये कि आपने 2100 रूपए का सामान खरीदा... और दुकानदार आपको अपने UPI या Bank account के बजाये Wallet में पैसा भेजने को कहता हैं... तो उस 2100 रूपए के transaction पर 1.1% fees लगेगी.
यह fees देगा कौन?? दुकानदार या Merchant ही देगा...खरीददार को यह fees नहीं देनी होगी.
अगर आप 2000 रूपए से ज्यादा का सामान खरीदते हैं, और दुकानदार आपको अपने wallet में पैसे transfer करने को कहता है... तो आप उसे उसका Account Number या UPI ID देने के लिए बोल सकते हैं.
अगर फिर भी दुकानदार नहीं माने, या उसके पास Bank Account या UPI ID नहीं हैं (जो लगभग असंभव सा है ), तो आप payment कीजिये और आपको कोई extra चार्ज नहीं चुकाना है.
जो 1.1% लगेगा transaction पर, वह दुकानदार के account से कटेगा.
यह क्यों किया जा रहा है?
इसका पहला कारण तो UPI के चलन को बढ़ाना है.... हर दुकानदार अपना 1.1% बचाने के लिए Bank Transfer या UPI के उपयोग करने को प्राथमिकता देगा.. और देनी भी चाहिए. जब आपके पास Bank account है, तो उसी में पैसा लो. छोटा मोटा payment Wallet में ले लो.. लेकिन 2000 से ऊपर वाले transaction Bank Account या UPI में ही कीजिए... यह एकदम मुफ्त रहेगा.. सभी के लिए.
दूसरा कारण है Compliance...World Bank और Committee on Payments and Market Infrastructures ने यह सुझाव दिया था कि इस तरह के Online Transactions पर 1.15% interchange fee लगनी चाहिए... वही किया जा रहा है.
तीसरा कारण है... सभी transactions को Transparent बनाना, और taxation के दायरे में लाया जा सके।