Jai Maa Saraswati

Suresh Prasad (www.aubsp.com) (15630 Points)

08 February 2011  

या कुंदेंदु तुषारहार धवला, या शुभ्र वस्त्रावृता |

या वीणावर दण्डमंडितकरा, या श्वेतपद्मासना ||

या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभ्रृतिभिर्देवै: सदा वन्दिता |

सा मां पातु सरस्वती भगवती नि:शेष जाड्यापहा ||


जो कुंद फूल, चंद्रमा और वर्फ के हार के समान श्वेत हैं, जो शुभ्र वस्त्र धारण करती हैं|

जिनके हाथ, श्रेष्ठ वीणा से सुशोभित हैं, जो श्वेत कमल पर आसन ग्रहण करती हैं||

ब्रह्मा, विष्णु और महेश आदिदेव, जिनकी सदैव स्तुति करते हैं|

हे माँ भगवती सरस्वती, आप मेरी सारी (मानसिक) जड़ता को हरें||