JABARDAST HINDI POEM FOR THOSE WHO ARE WORKING


(Guest)

पूरे सप्ताह laptop पर घिसटती हर ऊँगली बेइंतहा चीखती कराहती है...



हर रोज़ लम्बी drive करके कमर दर्द का सागर बन जाती है..



क्या कहें...



काम के बोझ तले यह ज़िन्दगी सिमट के सिर्फ weekend पर याद आती है..  



break लेने को बस बेस्वाद बिना उबली चाय केवल नाम के लिए काम आती है..



कभी कभी उसके साथ cigrette भी धुंए का छल्ला बना के इतराती है..



क्या कहें...



काम के बोझ तले यह ज़िन्दगी सिमट के सिर्फ weekend पर याद आती है..  



सुबह से शाम तक meetings ही meetings calendar में नज़र आती है..



बंद कमरे में क़ैद घुटती हर सांस खुली हवा को तरस जाती है क्या कहें...



काम के बोझ तले यह ज़िन्दगी सिमट के सिर्फ weekend पर याद आती है..  



हर monday को दफना दूं समय की कब्र में यह तमन्ना ही कितना सुकून दिलाती है..



friday होते होते यूँ लग जाता है जैसे सारी उम्र 5 दिन में ढल जाती है..



क्या कहें...

काम के बोझ तले यह ज़िन्दगी सिमट के सिर्फ weekend पर याद आती है..

 

BY KAUTAK MALVIVA