advocate CA final student
66 Points
Joined December 2008
कदम से कदम बडाते चलो, मन्ज़िल यू ही नजदीक आयेगी।
तोह्फ़ा तो कभी किस्मत हमारी, सफ़लता देकर जायेगी।
न रहो तुम यु उदास, एक हसी से जिन्दगी तेरी भी मुस्करायेगी।
अफ़सानो से भरी किताब पे, कहानी तेरी भी लिखी जायेगी।
राह पे चलते चलते न जाने, कितने मोड आयेगे।
रखना अपने ईरादे बुलन्द, हर मोड से राह तुझे मिल जायेगी।
सन्जोकर रखना हर खुशी को, चाहे वह कितनी भी छोटी मिले।
हर बून्द बून्द से गागर तेरी, जिन्दगी की यो ही भरती जायेगी।
अन्धेरा है यहा हर वस्ती मे, मन्ज़िल भी तुझे दूर नज़र आयेगी।
बड्ते रहना हरदम, किस्मत भी तेरी दीपो की रोशनी से जग्मगयेगी।
राकेश कुमार वर्श्नेय ।