Love in poem

shikhar (LEARNER ) (1394 Points)

28 April 2014  
चलो तुम कुछ ऐसा करो....
 
चांद से थोड़ी सी मिट्टी लो...
 
फिर उस के दो बुत बनाओ..
 
एक तुम जैसा.
 
एक मुझ जैसा ..
 
फिर ऐसा करो...
 
इन बूतो को तोड़ दो..
 
फिर मिट्टी को गूथ लो..
 
फिर से इस के दो बुत बनाओ...
 
तुम में कुछ कुछ मैं रह जाऊ..
 
मुझ में कुछ कुछ तुम रह जाओ....
 
चलो तुम कुछ ऐसा करो..........................