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इस बार धनतेरस के दिन रवि योग और अमृतसिद्धि योग होने से व्यापारियों की बांछे खिली हुई है। ज्योतिषियों ने इस संयोग को चार गुना अधिक फलदायी बताया है। पं. बंशीधर जयपुर पंचांग के निर्माता पं. दामोदर प्रसाद शर्मा का कहना है कि धनतेरस के दिन रविवार और उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र होने से इस दिन रवि योग बन रहा है।

इस दिन दोपहर बाद 3 बजकर 46 मिनट से हस्त नक्षत्र और सर्वार्थसिद्धि योग प्रारंभ होगा। दोनों एक साथ होने से अमृत सिद्धि योग बनेगा, जो इस दिन की गई खरीदारी और शुभ कार्य का चार गुणा फल देगा।

ज्योतिषाचार्य पंडित पीतांबर शर्मा के अनुसार धनतेरस पर सूर्यास्त से शुभ व अमृत और चर के चौघड़िए में शाम 5:45 से 10:30 बजे तक दीपदान किया जा सकेगा। इस दिन यमराज की पूजा की जाती है व व्रत रखा जाता है। घर के मुख्य दरवाजे पर एक पात्र में अन्न रखकर उसके ऊपर यमराज के निमित्त दक्षिणाभिमुखी दीपदान करना चाहिए तथा गंधादि से पूजन करना चाहिए।

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ज्योतिषाचार्य पंडित पुरुषोत्तम गौड़ के अनुसार धनतेरस का दिन खरीदारी के लिए अतिशुभ रहता है। धनतेरस पर वैसे तो पूरा दिन ही खरीदारी के लिए अबूझ मुहूर्त माना गया है। लेकिन चौघड़िए देखकर भी लोग खरीदारी करते हैं। इस दिन चर के चौघड़िए में सुबह 8 से सुबह 9:24 बजे तक चलायमान वस्तुओं की खरीदारी शुभ रहेगी। इनमें वाहनों की खरीददारी के अलावा लंबे समय तक जारी रहने वाले कार्य जैसे बिजनेस की शुरुआत की जा सकेगी।

इसके बाद सुबह 9:24 से दोपहर 12:10 बजे तक अभिजित मुहूर्त रहेगा। इस समय में जमीन जायदाद के सौदे, इलेक्ट्रॉनिक आइटम, मोबाइल, खरीदारी आदि के लिए शुभ रहेगा। शुभ के चौघड़िए में दोपहर 1:34 से 2:58 तक चांदी व ज्वैलरी की वस्तुओं की खरीदारी सर्वश्रेष्ठ रहेगी। इसके बाद दोपहर बाद 4:30 से शाम 6 बजे तक राहुकाल रहेगा। इस काल में खरीदारी वर्जित मानी गई है। इसके बाद देर रात तक खरीदारी का शुभ समय रहेगा।

Originally posted by :Dashrath_Maheshwari
" इस बार धनतेरस के दिन रवि योग और अमृतसिद्धि योग होने से व्यापारियों की बांछे खिली हुई है। ज्योतिषियों ने इस संयोग को चार गुना अधिक फलदायी बताया है। पं. बंशीधर जयपुर पंचांग के निर्माता पं. दामोदर प्रसाद शर्मा का कहना है कि धनतेरस के दिन रविवार और उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र होने से इस दिन रवि योग बन रहा है।
इस दिन दोपहर बाद 3 बजकर 46 मिनट से हस्त नक्षत्र और सर्वार्थसिद्धि योग प्रारंभ होगा। दोनों एक साथ होने से अमृत सिद्धि योग बनेगा, जो इस दिन की गई खरीदारी और शुभ कार्य का चार गुणा फल देगा।
ज्योतिषाचार्य पंडित पीतांबर शर्मा के अनुसार धनतेरस पर सूर्यास्त से शुभ व अमृत और चर के चौघड़िए में शाम 5:45 से 10:30 बजे तक दीपदान किया जा सकेगा। इस दिन यमराज की पूजा की जाती है व व्रत रखा जाता है। घर के मुख्य दरवाजे पर एक पात्र में अन्न रखकर उसके ऊपर यमराज के निमित्त दक्षिणाभिमुखी दीपदान करना चाहिए तथा गंधादि से पूजन करना चाहिए।
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