Ca- Ek Pal aisa Bhi

Swapnil Jain (Finance - FP&A) (564 Points)

27 July 2011  

The following poem is not my own creation. Just read it on a Social Networking Site and thought I must share it:

 

CPT:
आरम्भ हुआ है नया सफ़र नवल युग आने वाला है

 

एक और अर्जुन रणभूमि में अब उतरने वाला है!!

 

काल चक्र आरम्भ हुआ, प्रकट हुआ लिए रूप विकराल का है,

 

बना के सारथी ज्ञान के रथ को, शंख नाद अब नए आयाम का है!!

 

CPT का आगाज हुआ है, अब वो लड़ने वाला है,

 

तिनका तिनका बढता ज्ञान का सागर,

 

कुछ सहमा सा कुछ बिखरा सा, अपनी पहचान बनाने वाला है!!

 

गुरुओ का आशीर्वाद लिए माँ बाप की दुआए लिए,

 

CPT का ये पहला रास्ता पार उसने करके दिखलाया है!!

 

पहली जंग तो जीत गया पर अब महायुद्ध आने वाला है,

 

IPCC पार करने चला है रथ लिए साथ अभिमान का है!!

 

आरम्भ हुआ है नया सफ़र नवल युग आने वाला है!!

 

IPCC:

 

लोगो के ताने सुनता फ़ैल पास का हिसाब रखता है,

 

कितने Attempts बीत गये कब हो जाऊ पास ऐसा ही कुछ सोचता है!!

 

थकता है, लड़ता है, हिम्मत हारता है, लेकिन फिर उठ जाता है,

 

का करने आया है सफ़र कितना मुस्किल है समझ आ जाता है!!

 

आता है सच सामने,आगे न आसां होगा सफ़र ये अब लाल का है,

 

हुआ सामना जब IPCC का, कुछ ठंडी पड़ गयी भाल है!!

 

लिए हुए विश्वास साथ में,बनाता हिम्मत को ढाल है,

 

गिरते पड़ते आगे बढता, रण भूमि में ये काल का  काल है!!

 

ARTICLESHIP:-

 

अब हुआ है आगाज नया, पंहुचा है Office ट्रेनिंग को,

 

सूट-बूट से सजा हुआ, मुस्कुराते हुए कुछ पानो को!!

 

पहले दिन कुछ सहमा सहमा, देख हर अंजान चेहरे को,

 

जो जैसा कहता वो वैसा करता, क्या कहता किस इन्सान को!!

 

पूरा दिन गुजरे ऑफिस Manual में, समझने चला है सिस्टम को,

 

नया काम है नयी जगह है, कोई मौका न मिल जाये किसी को कुछ कहने को!!

 

शाम ढले याद सताती घर आँगन की, घडी की सुइया टिक टिक करती हुआ समय है जाने को,

 

ख़त्म हुआ दिन पहला, चूर हुआ थकन से बदन पूरा, बस नींद चाइये आँखों को!!

कहा भूख है उसको अब जो देखे वो खाने को!!

 

कुछ पाने को ज्ञान कुछ नया सिखने को,

 

ऑफिस वो रोज जाता है खुद को अजमाने को!!

 

प्यार मोहब्बत सब दिखते है अभी इस दीवाने को,

 

मौज-मस्ती की उम्र भी यही है कह जाता सुनने वालो को!!

 

चर्चे तो ऑफिस के और भी है सुनाने को

 

सबके दिल में यादे उसकी कैसे बताऊ शब्दों में

 

FINALS:-

Final का खेल शुरू हुआ है,सही मजा तो अब आने वाला है,

 

ज्ञान का कितना महासगार है अब समझ आने वाला है!!

 

कितनी भी पड़ लो Course ये न ख़त्म होने वाला है,

 

जितना पड़ उतना जो अभी Amendment होने वाला है!!

 

ये आखरी युद्ध है रणभूमि का फिर तो सूरज आने वाला है,

 

कई बार गिरकर मैंने खुद तो यहाँ तक पहुचाया है!!

 

कहने वाले तो कह जाते है "जिसने यहाँ तक भेजा है आगे भी ले जाने वाला है"

 

मुझ से पूछो इस पाने में मैंने क्या क्या खोया है

 

आँखों से आशु फूट पड़ेंगे, मैंने जितना कष्ट उठाया है

 

प्यार छुटा, घर छुटा, न जाने क्या छूटा है राहों में....

 

एक पल ऐसा भी….